
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले के हालिया बयान पर बड़ा बखेड़ा खड़ा होता नज़र आ रहा है. विपक्ष की तरफ से बार बार बीजेपी और आरएसएस को उनके इस बयान के लिए घेरा जा रहा है. दरअसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने संविधान की प्रस्तावना से 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द हटाने की बात कही थी. ये सारा बवाल उनके इस बयान के बाद से शुरू हुआ है. इसी बीच अब विपक्ष के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी ने बीजेपी और आरएसएस पर बड़े आरोप लगाए हैं.
राहुल गाँधी ने आरएसएस-बीजेपी को घेरा
दत्तात्रेय होसबाले के बयान से राजनीतिक हलचल मची हुई है. सरे विपक्षी नेता इस बयान की निंदा करते हुए बीजेपी और आरएसएस को खरी खोटी सुना रहे हैं. इसी क्रम में अब राहुल गाँधी ने कहा है कि RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, "RSS का नकाब फिर से उतर गया. संविधान इन्हें चुभता है क्योंकि वो समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है. RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए. ये बहुजनों और गरीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा गुलाम बनाना चाहते हैं. संविधान जैसा ताक़तवर हथियार उनसे छीनना इनका असली एजेंडा है.
RSS ये सपना देखना बंद करे. हम उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे. हर देशभक्त भारतीय आख़िरी दम तक संविधान की रक्षा करेगा."
चंद्रशेखर आज़ाद ने साधा आरएसएस-बीजेपी पर निशाना
आजाद राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि, "यह संविधान सभी नागरिकों के लिए एक संरक्षण कवच है. इसमें कोई संदेह नहीं कि 1976 में संशोधन के ज़रिए कुछ शब्द जोड़े गए, लेकिन संविधान की आत्मा कभी किसी पार्टी या विचारधारा की बंधक नहीं रही. बाबा साहब अंबेडकर ने भी कहा था कि अगर संविधान लागू करने वालों की नीयत साफ होगी, तो यह दुनिया का सबसे अच्छा संविधान साबित होगा."
क्या है मामला?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले बीते गुरुवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान दत्तात्रेय होसबाले ने अपना भाषण देते हुए कहा था कि, "1976 में आपातकाल (Emergency) के दौरान 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों को जबरन संविधान में जोड़ा गया और अब वक्त आ गया है कि इन्हें हटाया जाए. 42वें संशोधन के जरिए जोड़े गए 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द कृत्रिम हैं और उन्हें संविधान से हटाना चाहिए."