पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़, 581 श्रद्धालु घायल — रथ खींचने के दौरान हुआ हादसा

 

पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़, 581 श्रद्धालु घायल — रथ खींचने के दौरान हुआ हादसा
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ओडिशा के पुरी में आज पहाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा का 12 दिवसीय महोत्सव का जोरदार आगाज हो गया है. धूमधाम से आज भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ निकाली गयी. इस यात्रा के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया. भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने के दौरान बहुत ज्यादा भीड़ होने की वजह से भगदड़ जैसे हालात बन गए. इस वजह से करीब 581 श्रद्धालु बुरी तरह घायल हो गए. सभी घायल भक्तों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. करीब 8 श्रद्धालुओं की हालत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें पुरी के जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया है. 

रथ यात्रा के दौरान हुआ हादसा 
पुरी में आज महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गयी. इस दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिला. भक्तों की भारी भीड़ से यात्रा में अव्यवस्था भी हो गई. इस कारण भगदड़ जैसे हालात रथयात्रा के दौरान बन गए. पुरी के  तीर्थ नगरी के ग्रैंड रोड पर रथ यात्रा के दौरान रथ खींचने के समारोह में काफी ज्यादा संख्या में श्रद्धालु रथ को खींचने के लिए एकत्रित हो गए थे. भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ने के कारण श्रद्धालु घायल हो गए. यह घटना उस समय हुई, जब भगवान बलभद्र के तालध्वज रथ को खींचने का काम शुरू हुआ. 

घायल श्रद्धालुओं को इलाज के लिए भेजा गया 
पुरी में रथ यात्रा के दौरान हुए हादसे में कई श्रद्धालु घायल हो गए. बताया जा रहा है कि हजारों भक्त एकसाथ तालध्वज रथ की रस्सी को छूने के लिए दौड़ पड़े. भीड़ रथ को लगभग ढाई किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर की तरफ खींचने का प्रयास करने लगी. तभी लोग घायल हो गए.
सूत्रों के मुताबिक, घायल श्रद्धालुओं में से 581 को हाईटेक अस्पताल में भर्ती कराया गया जबकि 173 को हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) में ले जाया गया. घायल 68 श्रद्धालुओं को ओपीडी में उपचार दिया गया. कम से कम 8 श्रद्धालुओं की हालत बिगड़ने पर उन्हें जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) ले जाया गया है.

पुरी की ऐतिहासिक रथयात्रा 
पुरी स्थित महाप्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा का आज भव्य रूप से शुभारंभ हुआ है। इस पावन अवसर पर पुरी में भक्तों का जन सैलाब देखने को मिला। उड़ीसा के सबसे बड़े महोत्सव का साक्षी बनने देश दुनिया से लोग महाप्रभु के दरबार पहुंचे हैं। 12 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव का समापन 15 जुलाई को नीलाद्रि विजय के साथ होगा। 15 जुलाई को महाप्रभु अपने मूल मंदिर में लौटेंगे। 
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान जगन्नाथ साल में एक बार अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ रथ में सवार होकर तीन किलोमीटर दूर गुंडिचा माता मंदिर जाते हैं। ये उनकी मौसी का घर माना जाता है। इस यात्रा की तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती है। इस यात्रा के दौरान कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं।

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